Upto 93%/- Off For Our All New Customers 🚀

वायु पुत्रों की शपथ

 



शिव। महादेव। देवो के देव। बुराई के विनाशक। उत्कट प्रेगी। भीषण योगा। सर्वागसंपूर्ण नर्तक। सम्मोहनकारी अधिनायक। सर्वशक्तिमान, मगर राच्यरिवा। कुशाग्रबुद्धि और उतने ही कोपी।


भारतवर्ष में आने वाले किसी भी विदेशी चाहे वह विजेता, व्यापारी, विद्वान, शासक या यात्री रहा हो को यह विश्वास नहीं होता था कि हकीकत में ऐसे किसी व्यक्ति का कभी अस्तित्य रहा हो सकता है। ये मानते थे कि वे कोई मिथकीय देवता, मानव कल्पनाशीलता के द्वारा रची एक कल्पना मात्रा रहे होंगे। और, दुर्भाग्य से, समय के साथ यह विश्वास हमारा प्रचलित झान बन गया।

{getProduct} $button={Buy Now} $price={₹9} $sale={95% Off}

Post a Comment

Previous Next

نموذج الاتصال